0 बनकर तैयार है नया बिल्डिंग
कोरबा। पुराने कमरे और जर्जर स्कूल में आज भी लगते है माध्यमिक शाला कोरबा के स्कूल। माध्यमिक शाला कोरबा के कक्ष और स्कूल का निर्माण हो चुका है फिर भी प्राचार्या इंदु अग्रवाल के द्वारा नए बिल्डिंग में शिप्ट नहीं कराया जा रहा है।
जानकारी के अनुसार मिडिल स्कूल कोरबा के पुराने कमरे की छत टूटने की कगार पर है, ऐसा देखने से लग रहा है। पुराने स्कूल में लाइट और पंखे भी नहीं लगे है। बरामदे की छत तो अब तब टूट जाएगा ऐसा देखने से लगता है, क्योंकि यहां की छत का प्लास्टर भी उखड़ गया है जिसके कारण रॉड निकला हुआ पूरा दिखाई दे रहा है। स्कूल का टूटा फूटा टायलेट है जहां स्कूल के बच्चे और टीचर जाने को मजबूर है। माध्यमिक शाला स्कूल कोरबा का नया बिल्डिंग बनकर तैयार हो गया है फिर भी प्राचार्या इंदु अग्रवाल के द्वारा नए बिल्डिंग में शिप्ट नहीं कराया जा रहा है। शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय कोरबा के ही पुराने कमरे में इस मिडिल स्कूल को लगाया जा रहा है। मिडिल स्कूल कोरबा का नया बिल्डिंग बनकर तैयार है फिर भी प्राचार्या के द्वारा इस नए बिल्डिंग में स्कूल को शिप्ट करने नहीं दिया जा रहा है। स्कूली बच्चों की जान को जोखिम में डालकर प्राचार्य पुराने कमरे में ही क्यों संचालित करा रही है ये तो वहीं बता सकती है। जब नया बिल्डिंग बनकर तैयार है फिर भी ऐसा करना उनकी ओछी मानसिकता को दर्शाता है।
0 बीईओ की भूमिका संदिग्ध
सूत्रों की माने तो शासकीय उच्चतर माध्यमिक शाला स्कूल कोरबा की प्राचार्या श्रीमती इंदु अग्रवाल के पति इस कोरबा ब्लॉक में बतौर बीईओ के पद पर पदस्थ हैं। उनकी शह को लेकर प्राचार्या ऐसा कर रही है तो उनकी भी कार्य शैली पर प्रश्न चिन्ह लगा रही है और स्कूल के बच्चों की जान को जोखिम में डाल कर उनके लिए भी खतरा पैदा कर रही है। बच्चो की जान को जोखिम में डालना गलत बात है। इनको यहां से तत्काल हटाकर कार्यवाही करनी चाहिए।